5 SIMPLE TECHNIQUES FOR SHIV CHALISA LYRICS AARTI

5 Simple Techniques For shiv chalisa lyrics aarti

5 Simple Techniques For shiv chalisa lyrics aarti

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अर्थ- जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

ब्रह्म – कुल website – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

अर्थ- आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

शङ्करस्य सम्मुखे पाठस्य पाठं कुर्वन्तु।

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तं महामण्डलं भस्मभूषाधरं तम् ।

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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

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